
लखनऊ। बुढ़ापा अच्छे से कट जाए इसी जद्दोजहद में पूरी जिंदगी गुजर जाती है। लेकिन जब बुढ़ापा आता है तो वक्त वृद्धा आश्रम में कटे इससे दुखद समय और क्या हो सकता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसको गंभरता से लेते हुए ऐसा कदम उठाने जा रहे हैं जिससे वृद्ध माता-पिता को इस संकट से बचाया जा सके। इसके लिए वह माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण एवं कल्याण नियमावली में संशोधन करने की तैयारी में हैं। चर्चाओं की मानें तो योगी सरकार के पास नियमावली प्रस्ताव भी पहुंच गया है। चर्चा है कि अगली कैबिनेट में नियमावली संशोधन को मंजूरी मिल सकती है। फिलहाल सरकार की तरफ से अभी इस बात की पुष्टि नहीं की गई है। बताया जा रहा है इस संशोधन में बेदखली को भी जोड़ा जा सकता है।
जानकारी के मुताबिक इस प्रस्तावित संशोधन में बुजुर्ग माता-पिता के बच्चों के साथ रिश्तेदारों को भी शामिल किया जाएगा। बुजुर्ग माता-पिता को परेशान करने पर पीड़ित बेटे व रिश्तेदार के खिलाफ एसडीएम या प्राधिकरण में केस कर सकते हैं। कार्रवाई के बाद मां-बाप को बेटे को संपत्ति से बेदखल करने का पूरा अधिकार होगा। बताते चलें कि उत्तर प्रदेश में वर्ष 2014 में माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण एवं कल्याण नियमावली बनाई गई थी। नियमावली के बावजूद भी सरकार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। और इसी का नतीजा रहा कि बुजुर्ग माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों की संपत्ति के संरक्षण के लिए कोई विस्तृत कार्य योजना नहीं बनाई जा सकी।
गौरतलब है कि योगी सरकार ने हाल में 24 नवंबर को विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन परिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश, 2020 पास कराया है। इस नए कानून के तहत प्रदेश में जबरन, झूठ बोलकर, लालच देकर या अन्य किसी दबाव में विवाह के लिए धर्म परिवर्तन कराना गैर जमानती अपराध हो गया है। इससे अब उत्तर प्रदेश में लव जिहादियों से योगी सरकार सख्ती से निपटेगी। ऐसे में अगर शादी के लिए अगर किसी लड़की का धर्म परिवर्तन कराया जाता है तो न सिर्फ शादी अमान्य होगी बल्कि धर्म परिवर्तन कराने वालों को दस साल की सजा भी हो सकती है।