
लखनऊ। तबलीगी जमात के एक किशोर सदस्य पर हत्या का मामला दर्ज होने पर उत्तर प्रदेश पुलिस को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तलब किया है। मामले पर टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने कहा है कि, ये मामला कानून की शक्ति के गलत इस्तेमाल को दर्शाता है। नई दिल्ली में तबलीगी जमात की बैठक में शामिल हुए किशोर पर यूपी पुलिस द्वारा मामला दर्ज किया गया था, इसे लेकर कोर्ट में चार्जशीट पर को चुनौती दी गई थी। इस मामले पर विचार करने के लिए न्यायमूर्ति अजय भनोट ने मऊ एसएसपी और सीओ को मामले में जवाब देने के लिए निर्देश दिया।
सीओ से जज ने सवाल किया है कि, इस मामले में IPC की धारा 307 (हत्या का प्रयास) दर्ज कैसे किया गया? कोर्ट ने मामले की चार्जशीट में संशोधन करने को भी कहा है। 15 वर्ष के किशोर के वकील जावेद हबीब ने कोर्ट में कहा है कि, पुलिस ने अपनी चार्जशीट में IPC की धारा 269 और 270 लगाया था। IPC की धारा 269 जहां खतरनाक बीमारी के वायरस को फैलाने को लेकर लापरवाही पर लगती है। वहीं IPC की धारा 270 जीवन को खतरे में डालने वाली बीमारी फैलाने के आरोप पर लगती है।
वहीं अब पुलिस ने इस चार्जशीट में बदलाव किए और प्रारंभिक चार्जशीट को वापस लेकर अब IPC की धारा 307 के तहत एक नई चार्जशीट पेश की गयी है। याचिकाकर्ता के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2 दिसंबर को पारित अपने आदेश में किसी भी तरह की आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगा दी है। अब इस मामले की सुनवाई 15 दिसंबर को होनी है। कोर्ट ने इस मामले में दस दिनों में अतिरिक्त सरकारी अधिवक्ता (एजीए) से भी जवाब दाखिल करने के लिए कहा है।