नई दिल्ली: कोविड - 19 के दौरान जहां हर एक चीज डिजिटल होती जा रही है, ऐसे में हमारे दस्तावेज डिजिटल ना हो ऐसा कैसे हो सकता है. बता दें कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ( सीबीएसई ) ने 10वीं और 12वीं के परीक्षा परिणाम सहित अन्य सभी दस्तावेज डिजीलॉकर और परिणाम मंजूषा में अपलोड कर दिए हैं. इसको लेकर सीबीएसई का कहना कि अब दस्तावेज लेकर घूमने से छुटकारा मिल जाएगा. साथ ही जरूरत पड़ने पर कहीं से भी डिजिटली एक्सेस किया जा सकेगा. वहीं इसे एक्सेस करने के लिए 'फेस मैचिंग टेक्नोलॉजी' का इस्तेमाल किया जाएगा.
'दस्तावेज डिजिलॉकर में अपलोड कराए गए'
वहीं इसको लेकर सीबीएसई का कहना है कि 10वीं और 12वीं के परीक्षा परिणाम आने के साथ ही डिजीलॉकर पर अपलोड कर दिए जाते हैं और इसकी सूचना छात्रों को उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर दे दी जाती है. साथ ही कहा कि अब तक 12 करोड़ दस्तावेज डिजीलॉकर में अपलोड कराए गए हैं. वहीं गलत फोन नंबर होने पर छात्र डिजीलॉकर एक्सेस नहीं कर सकते हैं. ऐसे में उन्हें अपने आधार कार्ड की डिटेल देनी होगी.
'फेस मैचिंग टेक्नोलॉजी' का विकल्प
वहीं विदेशी छात्रों के पास भारत का आधार कार्ड न होने के चलते उन्हें डिजीलॉकर एक्सेस करने में खासी परेशानी हो रही है. जिसे देखते हुए सीबीएसई ने इन छात्रों को 'फेस मैचिंग टेक्नोलॉजी' का विकल्प दिया है. इस तकनीक के तहत छात्र की लाइव फोटो खींची जाएगी और उसे प्रवेश पत्र पर लगी फोटो के साथ मिलाया जाएगा, जिसके बाद छात्र अपना डिजीलॉकर एक्सेस कर सकेंगे. सीबीएसई का कहना है कि अब तक 2004 से लेकर अभी तक सभी छात्रों का डाटा डिपॉजिटरी में जमा कर दिया गया है, जिससे छात्र डिजीलॉकर या परिणाम मंजूषा के जरिए देख सकते हैं.