चीन ने दुनिया के स्टील को लेकर हमेशा यही कहा है कि कई देशों से घटिया क्वालिटी वाले स्टील का कच्चा माल आता है, इसलिए वो खुद ही अपने इन्फ्रास्ट्रक्चर को विकसित कर स्टील का प्रोडक्शन करेगा। इसीलिए चीन ने 2018 में तथाकथित स्टील के कचरे के आयात को बैन कर दिया था, लेकिन अब चीन अपने ही उस बैन को भूल दुनिया के देशों से स्टील के आयात को तैयार बैठा है। इसके लिए आयात शुल्क को शून्य कर दिया गया है। विश्लेषकों ने कहा कि Baowu स्टील ग्रुप और Zhejiang Judong नाम की दो बड़ी कंपनियों को जापान से स्क्रैप स्टील खरीदने के लिए पिछले हफ्ते सौदों के लिए सहमति भी दे दी गई है। हालांकि, मौजूदा दरों के मुकाबले कीमतें कम हैं।
खबरों के मुताबिक जापान का स्क्रैप स्टील प्रोडक्शन के लिए पहुंचाया गया है। चीन के कुछ लोग से पीआर रणनीति के तौर पर देख रहे हैं लेकिन असल में ये उतना सरल नहीं है। चीन को इस वक्त इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए स्टील की अधिक आवश्यकता है, वो दुनिया का सबसे बड़ा स्टील की खपत वाला देश माना जाता है। ऐसे में अब इस मसले को लेकर तर्क दिए जा रहे हैं कि चीन लंबे वक्त से अपने स्क्रैप स्टील वाले बैन के नियम में बदलाव की सोच रहा था ये बस उसी ओर उठाया गया एक कदम है।
चीन इसे हाल की घटनाओं से न जोड़ने का ढोंग कर रहा है जबकि असलियत अभी से जुड़ी हुई ही है क्योंकि चीन ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना छद्म युद्ध छेड़ा रखा है। वो लगातार आस्ट्रेलिया पर आर्थिक बैन लगाता जा रहा है लेकिन इसका नुकसान अब आस्ट्रेलिया की जगह चीन को होने लगा है, और उसे मोटी कमाई का मौका भी मिल रहा है। चीन द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों और अतिरिक्त कर के कारण आस्ट्रेलिया के Iron Ore के दाम लगातार बढ़ रहे है। चीन अपना 60 प्रतिशत Iron Ore ऑस्ट्रेलिया से आयात करता है। स्वयं ऑस्ट्रेलिया Iron Ore के उत्पादन और निर्यात में दुनिया भर के देशों में शीर्ष स्थान रखता है।
चीन ने जिस थाली में खाया उसी में छेद किया है। आस्ट्रेलिया को साथ लेकर चलने के बजाए वाजिब विरोध के कारण चीन ने उस पर प्रतिबंध थोपे और अब से इसका अंज़ाम उसे खुद ही भुगतना पड़ रहा है क्योंकि उसे स्टील की जरूरत है और Ore Iron आस्ट्रेलिया से नहीं मिलने वाला है। इसीलिए अब चीन अपनी कही पुरानी बातों से इतर दुनिया भर से स्टील का आयात करने को मजबूर हो गया है। उसका ये फैसला साबित करता है कि अब उसका घमंड टूट गया है, और आस्ट्रेलिया से विवाद उसे कितना भारी पड़ रहा है।
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