मुम्बई। बाॅलीवुड की मायानगरी में कलाकारों को सम्मान की जिन्दगी पाने के लिए कठिन से कठिन काम करना पड़ता है। संघर्ष के दिनों में मुम्बई में छोटा सा काम मिल जाता है तो वह जीवन निर्वाह के लिए होता है। ऐसा ही एक नाम है नाना पाटेकर। नाना पाटेकर के अभिनय और उनकी संवाद अदायगी का ही कमाल रहा है कि उन्हें फिल्म जगत के दर्शकों ने ना सिर्फ स्वीकारा ही बल्कि अपने दिल में जगह दी है। नाना अपने अभिनय का परचम लहराने वाले कलाकार हैं। नाना पाटेकर फिल्म इंडस्ट्री के उन एक्टर्स में से एक हैं जिसे जनता का ढेर सारा प्यार और सम्मान मिलता आया है। नाना पाटेकर के अभिनय का असर ऐसा है कि हर कोई उनका मुरीद हो जाता है। साथ ही नाना पाटेकर उन अभिनेताओं में से भी एक हैं जिन्होंने बॉलीवुड के कई स्टेरियोटाइप्स तोड़े हैं। नाना पाटेकर को काले होने की वजह से उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। मगर एक सच यह भी है कि नाना पाटेकर के अभिनय का ही कमाल रहा है कि उन्होंने बेहतरीन अभिनय किया।
नाना ने वर्ष 1978 में फिल्म गमन से कॅरिअर की शुरुआत की थी। इसके बाद गिद्द, अंकुश, प्रहार, प्रतिघात जैसी फिल्मों में अपने अभिनय से नाना ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया। मगर जिस फिल्म से उन्हें पॉपुलैरिटी मिली वो थी सलाम बॉम्बे। प्रहार, दीक्षा, दिशा, राजू बन गया जेंटलमेन, तिरंगा, क्रांतिवीर, हमदोनो, खामोशी, गुलाम-ए-मुस्तफा, वजूद, कोहराम और हूतूतू जैसी फिल्मों में काम कर अभिनय को नया मुकाम दिया। 2000 के बाद शक्ति, अब तक छप्पन, वेलकम, अपहरण, ब्लफ मास्टर, यात्रा, राजनीति, शाहगिर्द और अटैक ऑफ 2611 जैसी फिल्मों में उन्होंने सराहनीय काम किया।
मराठी फिल्म नटसम्राठ में एक्टर ने कमाल का अभिनय किया। तनुश्री दत्ता द्वारा लगाए गए मीटू के आरोपों के बाद नाना की छवि को काफी नुकसान पहुंचा। कुछ समय फिल्म इंडस्ट्री से दूरी बना लेने के बाद नाना पाटेकर एक बार फिर से फिल्मों में वापसी कर चुके हैं। उनकी नयी फिल्म हैं तड़का। 70 वर्षीय नाना पाटेकर अभिनय के साथ साहित्य कला में भी विषेश रूचि रखते हैं।