AIMIM के बंगाल आगमन पर ममता बनर्जी काफी खौफ में है। उन्होंने कुछ दिन पहले ही फुरफुरा शरीफ के मौलाना अब्बास सिद्दीकी पर असदुद्दीन ओवैसी को घेरा था। ममता ने कहा था, “ हैदराबाद की एक पार्टी के जरिए मुस्लिम युवाओं का वोट बांटने के लिए बीजेपी करोड़ों रुपए खर्च कर रही है।” जिसके बाद ओवैसी भी उन पर बरस पड़े थे। दोनों के बीच काफी बयानबाजी भी हुई थी, लेकिन ममता बंगाल में ओवैसी को ज्यादा नहीं घेर पा रही हैं, इसीलिए ममता समर्थक इमाम एसोसिएशन उनके समर्थन में उतर आए हैं।
इमाम एसोसिएशन लगातार असदुद्दीन ओवैसी के बंगाल में विधानसभा चुनाव लड़ने के मुद्दे पर उनकी तीखी आलोचनाएं कर रहा है। पश्चिम बंगाल इमाम एसोसिएशन ने कहा है कि वो राज्य में एमआईएम के राजनीतिक आगमन का पुरजोर विरोध करेगा। एसोसिएशन ने आरोप लगाए हैं कि राज्य में ओवैसी की एंट्री पहले से तय थी। इसके जरिए अल्पसंख्यक वोटों का ध्रुवीकरण कर बीजेपी को फायदा पहुंचाने की कवायद है। दिलचस्प है ये एसोसिएशन ठीक वही भाषा बोल रहा है जो ममता दीदी बोलती हैं।
इमाम एसोसिएशन काफी आक्रामक है और ममता उसकी इस आक्रामकता का तमाशा जानबूझकर देख रही हैं, क्योंकि उनका बोलना ममता के लिए फायदे का सौदा होगा। असदुद्दीन ओवैसी को लेकर इमाम एसोसिएशन की तरफ से धमकी के अंदाज में कहा गया, “जरूरत पड़ी तो एक नया संगठन बनाकर चुनाव लड़ेंगे और AIMIM के प्लान को बर्बाद कर देंगे।”
हैदराबादी मोहल्ले की पार्टी आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल के नेता असद्दुदीन ओवैसी ने फैसला किया है कि वो बंगाल की मशहूर फुरफुरा शरीफ दरगाह के मौलाना अब्बास सिद्दीकी के नेतृत्व में चुनाव लडेंगे जिनका बंगाल की राजनीति में विशेष प्रभाव है। ऐसे में ममता बनर्जी को डर है कि ओवैसी के आने से बंगाल में टीएमसी का एकमुश्त मुस्लिम वोट बढ़ जाएगा जिससे बीजेपी को फायदा होगा और इसी के चलते ममता बनर्जी अब ओवैसी का पुरजोर विरोध कर रही हैं।
असदुद्दीन ओवैसी के विरोध में खुद को अकेला पाकर अब ममता ने अपने समर्थक संगठन इमाम एसोसिएशन को भी ओवैसी का विरोध करने के लिए मैदान में उतार दिया है जिससे उनका वोट बैंक न बिखरें। ममता की यह सारे कारनामे साबित कर रहे हैं कि असल में वह ओवैसी के बंगाल विधानसभा चुनाव लड़ने से कितना ज्यादा खौफजदा हैं।