किसी भी लड़ाई या आंदोलन का एक नैतिक नियम होता है – जो भी लड़ रहा हो, उसे अपनी इच्छा से, बिना किसी दबाव के शामिल होना चाहिए। लेकिन वर्तमान किसान आंदोलन इसके ठीक उलट जाता दिखाई दे रहा है। यहाँ आंदोलन में भाग लेने या समर्थन न देने पर आपको न सिर्फ जुर्माना देना पड़ेगा, बल्कि कुछ समाज के ठेकेदार आपको अपनी पहचान या आपकी संस्कृति से भी पदच्युत कर दे।
ये हमारा कहना नहीं है, बल्कि पंजाब के दो गांवों में ऐसा सच में हो चुका है। गणतंत्र दिवस के अवसर पर किसान आंदोलन के अराजकतावादियों ने ऐलान किया है कि वे दिल्ली के राजपथ पर ट्रेक्टर मार्च करेंगे। इसके लिए वे पंजाब से भारी संख्या में जनसमर्थन जुटाना चाहते हैं, और ऐसा न होने की स्थिति में वे जुर्माना भी वसूल रहे हैं
संगरूर में स्थित भुल्लरहेरी पिंड [गाँव] में ट्रेक्टर रैली में भाग न लेने वाले लोगों से जहां 2100 रुपये प्रति व्यक्ति वसूला जाएगा, तो वहीं मोगा जिले के राउके कलाँ पिंड से रैली में भाग न लेने वालों से 1200 रुपये प्रति व्यक्ति वसूले जाएंगे। यह घोषणा भारतीय किसान यूनियन के राजेवाल गुट के नेताओं जसबीर सिंह, अवतार सिंह और भूपेन्द्र सिंह ने की है।
अभी कुछ ही दिन पहले अराजकतावादियों ने तुगलकी फरमान जारी किया था कि यदि बॉलीवुड के सितारों ने उनका साथ नहीं दिया, तो बॉलीवुड की किसी भी फिल्म को पंजाब में शूट नहीं होने दिया जाएगा। इसके उदाहरण के तौर पर उन्होंने आनंद एल राय के प्रोडक्शन कंपनी की आगामी फिल्म ‘गुड लक जेरी’ के शूटिंग में अवरोध डाला, और तब तक डाला जब तक मुख्य अभिनेत्री जाह्नवी कपूर ने इंस्टाग्राम पर स्टेटस लिखकर अपना समर्थन नहीं जताया।
जब आपको अपने उद्देश्य के लिए जोर जबरदस्ती से समर्थन निकलवाना हो, तो यह स्पष्ट है कि आपकी मांग कहीं से भी उचित नहीं है। किसान आंदोलन की पोल तो बहुत पहले ही खुल चुकी थी, और अब इस आंदोलन के भागीदारों का असली स्वरूप एक एक करके सबके सामने आ रहा है।