
अपना डेब्यू मैच खेल रहे वॉशिंगटन सुंदर (Washington Sundar) ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गाबा इंटरनेशनल स्टेडियम में खेले जा रहे चौथे टेस्ट के तीसरे दिन अर्धशतक जड़कर इतिहास रच दिया। उन्होंने ऐसा कारनामा किया जो उनसे पहले भारतीय टेस्ट इतिहास में सिर्फ दो ही खिलाड़ी कर पाए थे।
दूसरे भारतीय खिलाड़ी
वॉशिंगटन सुंदर (62 रन) भारत के लिए डेब्यू टेस्ट में एक पारी में तीन या उससे अधिक विकेट लेने के अलावा अर्धशतक लगाने वाले दूसरे भारतीय बन गए हैं। सुंदर ने ब्रिस्बेन में जारी चौथे टेस्ट मैच में डेब्यू करते हुए ऑस्ट्रेलिया के तीन बल्लेबाजों को आउट किया और फिर शानदार अर्धशतक लगाकर भारत को मुश्किल से निकाला।
इससे पहले, भारत के लिए टेस्ट मैच में वाकया 1947 सीरीज में हुआ था। आजाद भारत की टीम पहली बार जब ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई थी तब दत्तू फडकर ने ऑलराउंडर के तौर पर सिडनी टेस्ट के साथ डेब्यू किया था।
फडकर ने 51 रनों की पारी खेली थी, जिसमें उन्होंने 101 गेंदों का सामना करते हुए चार चौके लगाए थे। इसके बाद फडकर ने 10 ओवर में दो मेडन सहित 14 रन देकर ऑस्ट्रेलिया के तीन विकेट भी लिए थे।
अब सुंदर ने 73 साल के बाद वही रिकॉर्ड दोहराया है। सुंदर ने ब्रिस्बेन में अर्धशतक लगाने के अलावा 89 रन देकर तीन विकेट भी लिए। इसमें स्टीवन स्मिथ का भी विकेट शामिल है।
109 साल बाद हुआ ऐसा
सुंदर पहले ऐसे विदेशी बल्लेबाज बन गए हैं, जिन्होंने डेब्यू मैच में नंबर 7 पर बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया की धरती पर अर्धशतक जड़ा है। उन्होंने 62 रन बनाए जो भारत के लिए डेब्यू मैच में नंबर सात पर बल्लेबाजी करते हुए तीसरा सबसे बड़ा निजी स्कोर है।
बता दें कि सुंदर पहले भारत की टेस्ट टीम का हिस्सा नहीं थे। लेकिन टीम के दोनों स्पिनर रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा के चोटिल होकर बाहर होने के कारण उन्हें ब्रिसबेन में भारत के लिए टेस्ट डेब्यू करने का मौका मिला।