पूर्वी लद्दाख (East Ladakh) में भारत और चीन के बीच पैंगोंग झील (Pangong Lake) के बाद तनाव से भरे इलाकों को मिलकर दोनों की सहमती से खाली करने के एजेंड के साथ दसवें दौर की बातचीत लगभग 16 घंटे चली। शनिवार की सुबह शुरू हुई यह बातचीन रविवार को देर रात तक चलने के बाद खत्म हुई। बातचीत काफी शांति वाले माहौल में हुई। वास्तविक नियंत्रण रेखा के चीन की तरफ स्थित मोल्डो में हुई इस मैराथन बातचीत में झील को खाली करने की प्रकिया का दोनों पक्षों ने वास्तविक सत्यापन किया।इसके बाद तय सहमति में मुताबिक दोनों कमांडर लद्दाख के चार तनानती वाले क्षेत्र डेपसांग, गोगरा, हॉट स्प्रिंग और डेमचक से सेना को पीछे हटाने के रोडमैप पर लंबी मंत्रणा की गई।
मामले से जुड़े सूत्रों के मुताबिक दोनों पक्षों ने पैंगोंग की तर्ज पर इन इलाकों की भी आपसी सहमति के साथ ही खाली करने की रजामंदी दिखाई। सातवें, आठवें और नौवें दौर की कमांडर स्तर की बातचीत के बाद भारत और चीन ने साझा बयान जारी किया था। उम्मीद जताई जा रही है कि अगले एक दो दिन में इस बार की बातचीत पर भी साझा बयान जारी किया जाएंगे
डेपसांग की स्थिति काफी जटिल
सूत्रों के मुताबिक इन चार इलाकों में खासतौर पर डेपसांग की स्थिति काफी खराब है। सभी जगह के मुताबिक कई दौर की बातचीत के बाद ही ठोस रास्ते का ब्यौरा तैयार किया जाएगा। दोनों देशों के बीच सैन्य गतिरोध को नौ महीने हो गए हैं। समझौते के बाद दोनों पक्षों अपने अपने सैनिको को पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी छोरों से वापस बुला लिए है तथा अस्त्र-शस्त्रों, अन्य सैन्य उपकरणों, बंकरों एवं अन्य निर्माण को भी हटा लिया है।
राजनाथ सिंह का बयान
कहा जा रहा हैं कि 10वें दौर की बातचीत में चर्चा का मुख्य बिंदु अन्य इलाकों से भी सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का है। दोनों पक्ष इसके लिए तौर-तरीकों पर चर्चा करने के लिए वार्ता कर रहे हैं। संसद में 11 फरवरी को राजनाथ सिंह ने एक बयान में कहा था कि भारत और चीन के बीच पैंगोंग झील क्षेत्र से सैनिकों को चरणबद्ध तरीके से हटाने का समझौता हो गया है।
उन्होंने कहा था कि समझौते के अनुरूप चीन अपनी सेना की टुकड़ियों को हटाकर पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे में फिंगर आठ क्षेत्र की पूर्व दिशा की ओर ले जाएगा। उन्होंने कहा था कि भारत अपनी सैन्य टुकड़ियों को फिंगर तीन के पास अपने स्थायी शिविर धन सिंह थापा पोस्ट पर रखेगा।
राजनाथ सिंह ने कहा था कि ऐसे कदम पैंगोंग झील के दक्षिणी तट क्षेत्र में उठाया जाएगा। रक्षा मंत्री ने कहा था कि इस पर सहमति बनी है कि पैंगोंग झील क्षेत्र में सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी होने के 48 घंटे के भीतर दोनों पक्षों के वरिष्ठ कमांडरों की अगली बैठक और मुद्दों को हल के लिए बुलाई जाएगी।