
हम सभी जानते ही हैं जीवित रहने के लिए सभी को हवा, पानी और भोजन की सबसे अधिक या यूं कहे कि इनके बिना कोई भी व्यक्ति जीवित ही नहीं रह सकता। जिनमें हवा का नंबर सबसे पहला है क्योंकि बिना हवा हम सांस नहीं ले सकते हैं। इसके बाद नंबर आता है जल का। आपने सुना ही होगा कि जल ही जीवन है। पानी के बिना व्यक्ति केवल कुछ ही घंटों या दिनों तक ही जीवित रह सकता है। यही कारण है कि बड़े और डॉक्टर कहते हैं कि शरीर में पानी की कमी न होने दें। जब भी प्यास लगे, तुरंत पानी पी लें। लेकिन कभी कभी या कुछ लोगों को ऐसा भी होता है कि जरूरत से कुछ अधिक ही प्यास लगती है। आज हम आपको बता दें कि ज्यादा प्यास लगना एक बीमारी भी हो सकती है। या फिर किसी और बीमारी के लक्षण हो सकते हैं। हम आपको बताते हैं कि ज्यादा प्यास लगने की इस समस्या के बारे में…
सामान्य से ज्यादा प्यास लगने की समस्या को डॉक्टरी भाषा में ‘पॉलीडिप्सिया’ कहते हैं। डॉक्टरों का मानना है कि इस समस्या से पीड़ित इंसान की प्यास इतनी ज्यादा बढ़ जाती है कि वह चाहे कितना भी पानी पी ले, मगर उसकी प्यास नहीं बुझती और वो कोई शारीरिक गतिविधि भी नहीं करते और ठंडे एन्वॉयरमेंट में आराम से रहते भी हैं।
- बार-बार प्यास लगना और पानी पीना
- पानी पीने के बाद भी प्यास का एहसास होना
- हमेशा मुंह सूखना
- मुंह से निकलने वाली लार गाढ़ा हो जाती है
- एक्सरसाइज या योग करने के दौरान ज्यादा पसीना आना
- दस्त के कारण शरीर में पानी की कमी होना
- पर्याप्त मात्रा में पानी न पीने से
- ज्यादा मसालेदार या ज्यादा नमक वाला भोजन का सेवन करने से
- चाय या कॉफी का अधिक सेवन