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Third party image referenceअंग्रेज़ भारत में पहली बार तब आये थे जब भारत में मुग़ल बादशाह अकबर का दौर था l उस समय अकबर के सामने किसी को भी कुछ भी बोलने से पहले दस बार सोचना पड़ता था l बादशाह अकबर इतने ज्यादा शक्तिशाली थे की उनके दुश्मन की रूह तक कांप जाती थी l आप सोचिये की तब क्या हुआ होगा जब कोई अंग्रेज़ पहली बार भारत आया हो और उसने बादशाह अकबर से मुलाक़ात की हो चलिए जानते है l
ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना साल 1599 में ही हो गयी थी l यह कंपनी अंग्रेजी व्यापारियों का एक समूह थी जो की भारत में व्यापार करना चाहती थी और यहां अपनी फैक्ट्रिया स्थापित करना चाहती थी l लेकिन भारत में उस समय मुगलो का अधिकार था और यहां कुछ भी करने के लिए अंग्रेज़ों को मुगलो की इज़ाज़त लेना जरूरी था l
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साल 1603 में एक अंग्रेजी राजदूत थामस स्टीफन को भारत में भेजा गया जो की यहां मुग़ल शासक अकबर से व्यापार के लिए इज़ाज़त लेने आया था l जब वह अकबर के राजदरबार में पंहुचा तो सब की नज़रे उसी पर थी l उस समय मुग़ल बादशाह ब्रिटिश सल्तनत को अपनी तुलना में कम आंकते थे और इनसे संबंध रखना उनकी शान के खिलाफ था l
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जब थामस स्टीफन ने मुग़ल बादशाह से बातचीत करके व्यापार के लिए इज़ाज़त लेने की कोशिश की तो मुग़ल बादशाह को अंग्रेजो का यह प्रस्ताव पसंद नहीं आया और उन्होंने थामस स्टीफन को गुस्से में आकर अपने देश वापिस चले जाने के लिए कहा l उस समय थामस स्टीफन को तुरंत भारत से वापिस अपने देश जाना पड़ा l बादशाह के इस फैसले से अंग्रेज़ों की भारत में व्यापार करने की कोशिश कुछ समय के लिए टल गयी l