Japan News : एक समर्थ तथा शक्तिशाली देश जो हर प्रकार से सम्पन्न देश की श्रेणी में आता है साथ ही टेक्नोलॉजी के मामले में भी प्रथम पाँच देशों की सूची में सम्मिलित हो वह देश अगर भविष्य में अपनी प्रभु-सम्पन्नता के लिए अपने ही देश के लोगों से गुहार लगा रहा हो तो यह सचमुच एक चिंतन का विषय है. दरअसल हम बात कर रहे है विश्व में विकसित देशों की सूची में शामिल जापान की जहाँ कि सरकार अपने ही लोगों से जनसंख्या बढ़ाने को लेकर अपील कर रही है.
क्या है पूरा मामला:
जापान के प्रधानमंत्री की सलाहकार ने अपने हाल ही के सम्बोधन में कहा है की जापान अपने जनसंख्या के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है जो की एक चिंता का विषय है. जापान में पिछले साल की जन्म दर 8 लाख से भी कम थी तथा यह जापान की गत वर्षों में सबसे कम जन्म दर है. जापान में जन्म दर के मुकाबले में मृत्यु दर का अनुपात कम है जिसके कारण वहाँ पर बुजुर्गो की संख्या अधिक है. एक नवीन शोध के अनुसार इस समय जापान की जनसंख्या लगभग 12 करोड़ 55 लाख के आसपास है तथा जिसमें 100 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गो की जनसंख्या लगभग 1500 के आसपास है. किसी भी देश की अगर जन्म दर की बात करें तो यह लगभग 2.1 प्रतिशत होनी चाहिए लेकिन अगर हम जापान की बात करें तो वहाँ पर जन्म दर केवल 1.3 प्रतिशत पर सिमट कर रह गई है.
आखिर क्यों लोग वन चाइल्ड प्लान को अपना रहें है
दरअसल जापान रहने के लिहाज से और देशों कि अपेक्षा अधिक महंगा देश है जिसके कारण निम्न मध्यम वर्ग के लिए रहना आसान नही है इसलिए वहाँ के लोग सिंगल चाइल्ड प्लान को अपनाना पसंद करते है. जापान में नौकरी करने की उम्र सीमा को पार कर चुके बुजुर्ग लोग अपने जीवन यापन के लिए केवल सरकार की पेंशन पर ही निर्भर है तथा यह संख्या प्रतिवर्ष बढ़ती ही जा रही है यह भी एक सरकार के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है.
क्या सचमुच जापान का अस्तित्व खतरे में है
पिछले कुछ सालो के रिकॉर्ड को देखकर तो यही लगता है की जापान का अस्तित्व खतरे में है. टेसला कंपनी के मालिक एलन मस्क भी जापान की प्रतिवर्ष गिरती जनसंख्या पर अपनी चिंता व्यक्त कर चुके है तथा जापान की सरकार के द्वारा भी इस विषय को लेकर कई योजनाएँ बन चुकी है जो की अब तक विफल ही साबित हुई है बहरहाल अब देखना यह है कि जापान अपने इस संकट को लेकर कितना सजग है और कितनी जल्दी इस संकट से उभर पाता है.